
आपातकालीन सेवाओं में नारायणपुर जिला अस्पताल ने फिर पेश की मिसाल — डॉक्टरों की तत्परता से टली बड़ी दुर्घटना
जिला नारायणपुर
जिला अस्पताल नारायणपुर ने एक बार फिर आपातकालीन सेवाओं में अपनी उत्कृष्टता साबित की। गुरुवार देर शाम डॉक्टरों की त्वरित प्रतिक्रिया और कुशलता से एक 5 वर्षीय बच्चे की जान बचाई गई, जो खेलते-खेलते अपनी नाक में प्लास्टिक की नोज़ल जैसी वस्तु फंसा बैठा था।
धरवन (उम्र 5 वर्ष), पिता भूनेश्वर, निवासी कांकेरबेड़ा (तहसील छोटेडोंगर, जिला नारायणपुर) ने खेलते समय गलती से सफेद रंग की नोज़ल अपनी बाईं नाक में डाल ली। वस्तु के फंस जाने से बच्चे को सांस लेने में कठिनाई होने लगी, जिससे परिवार में अफरा-तफरी मच गई।
परिजन तत्काल बच्चे को छोटेडोंगर से जिला अस्पताल नारायणपुर लेकर पहुंचे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, आपातकालीन कॉल पर डॉ. हिमांशु सिन्हा और डॉ. धनराज सिंह डरसेना तुरंत अस्पताल पहुंचे। दोनों चिकित्सकों ने बच्चे को माइनर ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर लगभग आधे घंटे के प्रयास के बाद नोज़ल को सफलतापूर्वक बाहर निकाला।
ऑपरेशन के बाद बच्चे ने सामान्य रूप से सांस लेना शुरू किया और अब पूरी तरह से खतरे से बाहर है। बच्चे के माता-पिता डॉक्टरों की तत्परता से भावुक हो उठे और उन्होंने अस्पताल टीम का आभार व्यक्त किया।
इस घटना पर सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनोद भोयर ने दोनों डॉक्टरों की प्रशंसा करते हुए कहा —
“हमारे डॉक्टर और स्टाफ सदैव सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। हर कठिन परिस्थिति में हमारा स्वास्थ्य दल सजग और सक्षम है। यह घटना हमारी टीम की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण है।




