

दिल्ली/जिला नारायणपुर
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र की संकायाध्यक्ष डॉ. रत्ना नशीने ने एक बार फिर प्रदेश और जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है।
एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) की कार्यक्रम अधिकारी के रूप में उनके उत्कृष्ट कार्य और सेवाभाव के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें “माई भारत – एनएसएस राष्ट्रीय पुरस्कार (2022–23)” से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें गत दिवस राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया गया।
इस उपलब्धि के साथ कृषि महाविद्यालय नारायणपुर को ₹2.50 लाख और कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रत्ना नशीने को ₹1.50 लाख की राशि सम्मानस्वरूप प्रदान की गई।
यह उपलब्धि डॉ. नशीने के समर्पण, सेवा और कर्मनिष्ठा की मिसाल है — जो हर छत्तीसगढ़वासी के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय बनी है।
डॉ. रत्ना नशीने और उनकी एनएसएस टीम ने विगत वर्षों में नारायणपुर और ओरछा ब्लॉक के सुदूर आदिवासी ग्रामों में अनेकों सामाजिक एवं जागरूकता अभियान चलाए —
जिनमें रक्तदान महादान, माइ भारत अभियान यात्रा, हर घर तिरंगा, नशा मुक्ति, सड़क सुरक्षा, पौधरोपण और सरकारी योजनाओं की जानकारी जैसे कार्यक्रम प्रमुख हैं।
जैविक खेती, मृदा परीक्षण, सौर ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता जैसे विषयों पर भी उन्होंने लगातार कार्य किया।
एनएसएस इकाई द्वारा अब तक 22,421 पौधे रोपे गए, 48,000 सीड बॉल्स निर्जन स्थानों में फेंके गए, तंबाकू मुक्त संस्था बनाने पर जिला प्रशासन से सम्मान मिला, और 2500 तिरंगा ध्वज अबूझमाड़ के ग्रामों में लगाए गए।
कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने स्वयं हेल्थ वर्कर के रूप में कार्य किया, ग्रामीणों को टीकाकरण के प्रति जागरूक किया, और 12,000 से अधिक मास्क का वितरण कराया।
उनके नेतृत्व में एनएसएस इकाई को सतत सामाजिक योगदान के लिए अब तक 7 अंतर्राष्ट्रीय, 26 राष्ट्रीय, 7 राज्य और 5 जिला स्तरीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।




