रायपुर। जनता के भारी विरोध प्रर्दशन की वजह से चीन ने भले ही लॉकडाउन में ढील दी हो. लेकिन कोरोना से चीन में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. चीन में कोरोना के बढ़ते प्रकोप पर अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि चीन में कोविड का प्रकोप जिस तरह से फैल रहा है, वह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. नेड प्राइस ने कहा कि कोविड जीरो प्रोटोकॉल की वजह से चीन में कोरोना थमा हुआ था लेकिन प्रोटोकॉल हटने के बाद चीन में जो हालात हैं, उससे कोविड-19 नए वैरिएंट को जन्म दे सकता है.
चीन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए यह बेहतर होगा कि कोरोना की इस लहर पर चीन जल्द से जल्द काबू पा ले. महामारी विशेषज्ञ एरिक फिगल डिंग ने एक के बाद एक ट्वीट में चेतावनी देते हुए कहा है कि महामारी विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना अगले तीन महीने मे पूरी दुनिया की दस प्रतिशत आबादी और चीन के 90 फीसदी आबादी को अपने गिरफ्त में ले लेगा. डिंग ने आशंका जताई है कि इस लहर में दस लाख से भी ज्यादा लोग काल के गाल में समा सकते हैं. विशेषज्ञ के अनुसार, चीन में कोविड प्रतिबंध में ढिलाई के बाद चीन में हालात बेकाबू हैं और चीन के सभी अस्पताल कोविड मरीजों से पट चुके हैं.
मीडिया ब्रीफिंग के दौरान नेड प्राइस ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि चीन में फैल रहे वायरस में कभी भी म्यूटेशन होने और पूरे दुनिया के लोगों के लिए खतरा पैदा करने की क्षमता है. चीन के शहरों में कोरोना बेकाबू हैं और ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि सरकार सच्चाई को छुपा रही है. चीन की सरकार शुरू से ही दावा करती आ रही है कि उसने पश्चिमी देशों की तुलना में कोरोना महामारी को बेहतर ढंग से संभाला है. सोमवार को भी बीजिंग के श्मशान में पुलिस और सुरक्षा गार्डों ने पत्रकारों को प्रवेश करने से रोक दिया.