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कोण्डागांव :-बब्बी शर्मा की रिपोर्ट
चुनावी मौसम के आते ही राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के नेता
अपने-अपने क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने की दुहाइयां देते नहीं थकते, परन्तु वास्तविकता में आजादी के पचहत्तर सालों बाद भी कोण्डागांव जिला मुख्यालय से महज किलोमीटर दुरी पर परोडा ग्राम के ग्रामीणों के बच्चे अपने भविष्य को उज्ज्वल बना के लिए उफनती हुई कोनगुड़ नदी को कमर तक डूब कर पार करते हुए कक्षा 9वीं,10वीं11वीं एवं 12वीं के अनेकों बच्चे अध्यन करने के लिए कोनगुड़ शाला तक पहुंच पाते हैं।
बस्तर संभाग का वर्तमान में कोण्डागांव जिला अपने आप में अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से राजनीतिक रूप में एक अलग ही पहचान रखता है इस क्षेत्र ने लोकनिर्माण मंत्री, आदिमजाति कल्याण मंत्री,के अलावा आज के छत्तीसगढ़ राज्य के महिला एवं बाल विकास मंत्री के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधानसभा उपाध्यक्ष भी दिया है किन्तु इतनी राजनीतिक पहुंच रखने वाले क्षेत्र के मतदाताओं को सभी जनप्रतिनिधियों ने केवल अपनी कुर्सी बचाने वाले के अलावा कुछ नहीं समझा, यदि इस क्षेत्र में किसी भी राजनेता का गृहनिवास होता या फिर उनके परिवार के सदस्यों को तहसील अथवा जिला मुख्यालय तक आने-जाने में ऐसी दिक्कतें होती तो अब तक न जाने जिला प्रशासन भी अनेकों मद की राशि से सड़क व पुल-पुलियों का निर्माण करवा कर भव्य आयोजन कर उसका लोकार्पण समारोह आयोजित कर चुका होता।
अब देखना है कि इस चुनावी मौसम में कौन सी
राजनैतिक पार्टि और उसका नेता इसे चुनावी मुद्दा बना कर चुनाव की वैतरणी पार करने का प्रयास करता है।