नारायणपुर शराब दुकान में हो रही मनमानी निर्धारित मूल्य से अधिक बिक रही शराब आबकारी विभाग मौन
जिला नारायणपुर
नारायणपुर शराब दुकान में निर्धारित मूल्य से अधिक बिक रही शराब
आबकारी विभाग के अधिकारियों के साठगांठ से चल रहा पूरा खेल शराब दुकान वाले कर रहे मनमानी
नारायणपुर के शराब दुकान में खुलेआम निर्धारित दाम से ज्यादा कीमत पर विक्रय किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह खेल आबकारी विभाग के साठगांठ में चला रहा है।
देशी विदेशी शराब दुकान से प्लेन का पौवा व बियर लेकर लौट रहे ग्राहकों ने बताया कि प्लेन शराब का रेट बढ़ाकर काफी समय से इस दुकान में प्रति पौवा 90 व बियर 220 रुपया में बेचा जा रहा है, जबकि दूसरे जिला धमतरी व बालोद के देशी शराब दुकानों में यह प्लेन पौवा 80 व बियर 210 में मिलता है।
वहीं नारायणपुर के देशी शराब दुकान में रेट सूची लगाया गया है लेकिन रेट सूची का पालन नहीं किया जा रहा है। सेल्समेन को रेट ज्यादा क्यों लगा रहे हो बोलने पर जिला आबकारी अधिकारी के आदेश के अनुसार शराब बेचे जाने की बात कही जाती है। ऐसे में कई बार मदिरा प्रेमियों और दुकान के सेल्समेन के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। इस मामले पर स्थानीय प्रशासन द्वारा किसी तरह से जांच व कोई कार्रवाई नहीं करने से दुकान के सेल्समेन जमकर फायदा उठा रहें हैं। खुलेआम देशी व विदेशी शराब दुकान वाले शराब की रेट बढ़ाकर बिक्री कर रहे हैं
स्टिकर निकाल कर बेंचा जा रहा है;
शराब प्रेमियों ने बताया बोतल की स्टिकर निकालकर सेल्समैन द्वारा ओवर प्रिंट का खेल कई दिनों से चल रहा है। सेल्समैनों द्वारा जहां शराब के प्रत्येक पौव्वों पर 10 से 30 रुपये, हाफ पर 20 से 25 और बोतल पर 30 से 50 रुपये तक ओवर रेट वसूला जा रहा है। शराब की बोतलों और बियर के निर्धारित मूल्य से अधिक दाम वसूलने का खेल पिछले लंबे समय से चल रहा है। देशी शराब के क्वाटर का निर्धारित मूल्य 80 रुपया हैं जिसे 90 रुपया व अध्दा 160 हैं जिसे 180 रुपया बेचा जा रहा है। वहीं अँग्रेजी शराब दुकान में बियर का मूल्य 210 रुपये हैं जिसे 220 रुपया बेचा जा रहा है। अलग अलग ब्राड की शराब में प्रिंट मूल्य से अधिक के दाम लिए जाते हैं। अधिक दामों को लेकर आए दिन ग्राहकों की झड़प होती रहती है, लेकिन शराब के शौकीनों को मजबूरी में अधिक दाम लेने पड़ते हैं।
मंदिरा प्रेमियों की रोजना शिकायत लेकिन कार्रवाई नहीं
लगातार मंदिरा प्रेमियों की शिकायत के बाद भी आबकारी विभाग अपनी सुस्ती व नाकामी का ही परिचय दे रहे हैं। जबकि इस मामले में लगातार आबकारी विभाग पर साठगांठ के आरोप लग रहे हैं। कभी-कभी मिलावटी शराब मिलने की बात कही जा रही है। हालांकि मदिरा प्रेमी लोक लाज के डर से खुलकर सामने आने से कतरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि आबकारी अमले को जानकारी होने के बाद भी इस दिशा में रोकथाम करने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।