आम लोगों को सुविधा नहीं उनके जेब में डाका डालेगी वंदे भारत एक्सप्रेस : शाहिद भाई
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने केंद्र सरकार की वंदे भारत जैसी महंगी ट्रेन के संचालन और स्टापेज को लेकर भाजपा नेताओं के श्रेय की होड़ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वंदेभारत ट्रेन की भाजपाइयों की खुशी से उनकी पूंजीवादी मानसिकता उजागर हुई है कि उन्हें आम जनता के हितों सुविधाओं से कोई सरोकार ना होकर जनता के जेब में डाका डालने वाली योजना ही लागू कर रही है।
वंदे भारत ट्रेन को राजनांदगांव में स्टॉपेज के नाम पर स्टेशन में आज भाजपाइयों द्वारा दिखाई गई नौटंकी पर पलटवार करते हुए महामंत्री शाहिद भाई ने कहा कि राजनांदगांव रियासत के राजा बलराम दास जी एक दूरदृष्टि सोच के साथ 1890 में रेलवे को अपनी भूमि दान में देकर यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेनों का स्टॉपेज राजनांदगांव में करने की शर्त रखी थी, जिसे तात्कालिक ब्रिटिश गवर्नमेंट ने भी स्वीकार करते हुए राजनांदगांव में रेल लाइन बिछाई थी, लेकिन यह दुर्भाग्य जनक बात है कि केंद्र की भाजपा सरकार आज भी राजनांदगांव के यात्रियों के लिए अति महत्वपूर्ण 20 ट्रेनों का स्टॉपेज राजनांदगांव में नहीं देकर उनके साथ अन्याय कर रहे हैं और एक ऐसी ट्रेन जिस जिस पर गरीब और सामान्य वर्ग के लोग यात्रा करने की सोचेंगे भी नहीं जिसकी टिकट दर आम लोगों के पहुंच से बाहर है का स्टॉपेज दिलवाकर वाहवाही लूट रहे हैं भाजपाइयों में थोड़ी भी नैतिकता है तो वह 20 ट्रेने जिसमें सीएसटी-हावड़ा, सांई नगर-हावड़ा, नादेड-सिकंदराबाद, मुंबई-हावड़ा गीतांजली के अलावा, कामाख्या-एलटीटीई, पुणे-सिकंदराबाद एलटीटीई-पुरी, दरभंगा, विशाखापट्टनम जैसे जरूरी ट्रेनों के स्टॉपेज कराने की पहल करें, ताकि राजनांदगांव सहित जिले की जनता को इसका लाभ मिल सके। भाजपा की नीति प्रारंभ से ही पूंजीपतिवादी रही है, उन्हें आमजन गरीब को कुछ देना नहीं सिर्फ लेना ही है, जबकि कांग्रेस गरीब एवं निम्न आय वर्ग वालों को ध्यान में रखकर योजनाएं देश में लागू की जैसे मनरेगा, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार, खाद्य सुरक्षा कानून के रूप में आज भी संचालित है। वंदे भारत ट्रेन के संचालन हेतु अभी बहुत सुविधाओं की आवश्यकता है, जैसे पटरियों के दोनों ओर बेरिकेट नहीं लगाई जाएगी तो दुर्घटना बलवती होगी, हम प्रार्थना करते है कि ईश्वर ना करें कि ट्रेन से कोई पक्षी या जानवर के टकराने पर ट्रेन क्षतिग्रत हो सकती है, जो पूर्व में जगजाहिर हो चुका है, जिसके संधारण में ही महीनों लग जायेंगे। ऐसी स्थिति में यह ट्रेन लुट का माध्यम के अलावा कुछ नहीं है।