गरियाबंद: तबादला रुकवाने में भिड़े जिले के 45 शिक्षकों को झटका लगा है. तबादला रुकवाने किसी ने मां-बाप को बीमार बताया था तो कोई दुर्गम रास्ते का बहाना किया था. वहीं शासन ने कहा, नियमानुसार तबादला हुआ है. तीन दिवस के भीतर ज्वाइन नहीं करने वाले शिक्षकों पर निलंबन की कार्यवाही हो सकती है.
डेढ़ माह पहले जिन 49 सहायक शिक्षकों का तबादला किया गया था वे आदेश को पहले कोर्ट में चुनौती दिया, फिर कोर्ट के निर्देश पर शासन के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था. कुल 49 नामों में दिव्यांग श्रेणी के 4 सहायक शिक्षकों के अभ्यावेदन पर शासन ने उनके द्वारा बताए गए कारणों को जायज ठहराते हुए तबादला आदेश को निरस्त किया है,जबकि शेष 45 के मामले की सुनवाई कर गिनाए कारणों को तर्क संगत नहीं मानते हुए तबादला नीति के अनुरूप तबादला होना मानकर स्थानांतरित स्कूलों में शीघ्र ज्वाइन करने का निर्देश दिया है
यह आदेश लोक शिक्षण संचनालय से 5 दिसंबर को ही विभागीय समन्वय समिति के उपसचिव द्वारा जारी कर दिया गया था. हालांकि जिले में आदेश मंगलवार को दोपहर बाद पहुंची. मामले की पुष्टि करते हुए डीईओ जीएस चौहान ने कहा कि समिति के निर्णय की कॉपी मुझे प्राप्त हुआ. केवल 4 सहायक शिक्षको के स्थानांतरण पर रोक लगी है. इन्हें छोड़कर बीइओ के माध्यम से सभी 45 सहायक शिक्षकों को आदेश भेज दिया गया है. जो आदेश की अवहेलना करेंगे आज से उनके वेतन कटौती की जाएगी. ज्वाइन नही किया तो आगे अनुशानात्मक कार्यवाही की जाएगी.
शिक्षकों ने तबादला रुकवाने बताए थे ये कारण
तबादले के बाद अपने पुराने स्थान पर डटे रहने के लिए सहायक शिक्षकों ने शासन के समक्ष कई कारण बताए थे. इनमें से ज्यादातर लोगों ने माता-पिता व बच्चों को बीमार बताया तो कुछ ने स्कूलों को दुर्गम स्थान पर स्थित होना बताया. कुछ आवेदनों में तो अतिशेष न होने का बहाना तक बनाया गया था. नदी, नालों व पहाड़ी रास्तों का जिक्र कर जाना संभव नहीं होने का बहाना भी गिनाया. हालांकि विभागीय समन्वय समिति ने इन सभी दलीलों को स्थानांतरण नीति 2022 के अनुरूप नहीं होना पाया.