जशपुरनगर
छत्तीसगढ़ में अब फिल्म और वेब सीरीज की शूटिंग इन दिनों की जा रही है। जशपुर में 5 दिसंबर से मशहूर एक्टर उषा जाधव, आदित्य श्रीवास्तव, आकांक्षा पिंगले, डायरेक्टर अविनाश दास व कनिका वर्मा, प्रोड्यूसर अनीश रंजन की पूरी टीम अपनी मुनुरेन फिल्म की शूटिंगमें जुटी है ।
इस फिल्म की पूरी शूटिंग जिले के विभिन्न स्थानों पर 27 दिसंबर तक होगी। अनीश रंजन ने बताया कि फिल्म के दृश्य और बोली में हिंदी के साथ स्थानीय बोली का समन्वय है। फिल्म में आदिवासी जीवन के विविध रंगों का फिल्मांकन किया जाएगा। यह भी बताया कि कहानी झारखंड के सिमडेगा से संबंधित है। दरअसल इस जिले से कई बच्चियां इंटरनेशनल हॉकी खेल रही है। यह कहानी उन्हीं बच्ची के जीवन पर आधारित है।
उसमें कुछ प्रचलित कहानियों को लेकर फिल्म बनाया जा रहा है। सिमडेगा जिला यहां से लगा हुआ है। आदिवासी जीवन और रहन-सहन एक जैसा है। गौरव द्विवेदी के आग्रह पर हमने इस फिल्म की सूटिंग जशपुर में करने का निर्णय किया। यहां फिल्म निर्माण व पर्यटन की असीम संभावनाएं है। फिल्म जिले के विभिन्न लोकेशन पर फिल्माई गई है। गुल्लू फाल, छुरी फाल, मनोरा के कंडोरा गांव, आरा बाजार,जशपुर शहर, एस्ट्रोटर्फ हाॅकी मैदान के दृश्य फिल्म में देखने को मिलेंगे।
पूरी फिल्म की शूटिंग जशपुर में ही होगी- दिसंबर में आरा की अनारकली फिल्म के निर्देशक अविनाश दास अपनी मुनुरेन की शूटिंग शुरू करेंगे। इसमें उषा जाधव जैसी नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड विनर कलाकार नजर आएंगी। डायरेक्टरों ने इस फिल्म की शूटिंग के लिए जशपुर में लोकेशन भी सलेक्ट कर लिया है। जशपुर प्राकृतिक रूप से सम्पन्न है। यहां बहुत से प्राकृतिक स्थल हैं, जो शूटिंग के लिहाज से खास हैं। उषा जाधव दो साल तक स्पेन में रहने के बाद इस फिल्म के लिए वापस मुंबई लौटी है।
सहायता- 25 से 33 प्रतिशत सब्सिडी देगी राज्य सरकार
प्रदेश सरकार ने फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के विकास के लिए सब्सिडी की घोषणा भी की है। इसके तहत छत्तीसगढ़ में बनने वाली छत्तीसगढ़ फिल्मों के लिए 33 प्रतिशत सब्सिडी सरकार देगी। दूसरी भाषाओं की फिल्म के लिए और यहां के लोकेशन में बनती है तो 25 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री के सलाहकार गौरव द्विवेदी ने बताया कि जशपुर प्राकृतिक सौंदर्य से बहुत ही सुन्दर जिला और यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं साथ ही फिल्म मुनुरेन शूटिंग के लिए अच्छी जगह इसी कारण यहां पर भी फिल्म की शूटिंग करने के लिए मंजूरी दिया गया है।
बढ़ावा- सिंगल विंडो सिस्टम से मिली शूटिंग की मंजूरी
छत्तीसगढ़ में फिल्म विकास निगम बनने के बाद फिल्म उद्योग का दर्जा मिल गया है। इसमें अब कालाकारों और फिल्म निर्माताओं को कई तरह के छूट दिए जा रहें हैं। वहीं बाहर से आकर फिल्म बनाने वालों को संस्कृति विभाग में सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से सभी अनुमति प्रदान किए जा रहें हैं। गौरव द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सोच और मंशा अनुसार छत्तीसगढ़ में भी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए फिल्म नीति लागू किया गया। इसी वजह से जशपुर में फिल्म की शूटिंग कर पाना संभव हो सका है।
फिल्म में आदिवासी बच्ची के संघर्ष की पूरी कहानी
प्रोड्यूसर अनीश रंजन ने बताया कि फिल्म आदिवासी बच्ची के जीवन पर आधारित है, जो हाॅकी में अपना करियर बनाना चाहती है। उसकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति उसके करियर में रोड़ा बनती है। इन परिस्थितियों से कोई बाहरी व्यक्ति बच्ची को नहीं निकालता वह खुद अपने संघर्ष और काबिलियत से हाॅकी में करियर बनाती है। उसे कोई बाहरी व्यक्ति उन हालात से नहीं निकालता।