छत्तीसगढ़

एडीज मच्छर के काटने से होता है डेंगू बुखार, रहें सावधान

मच्छरों के काटने से होने वाले रोगों के प्रति जन-जागरूकता लाने के प्रयास तेज

राजनांदगांव। मच्छरों के काटने से होने वाले रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जिला अस्पताल सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जन स्वास्थ्य सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए डेंगू जैसी बीमारियों के कारण, लक्षण तथा उपचार पर विस्तृत चर्चा की जा रही है। इस दौरान यह जानकारी भी दी जा रही है कि, सभी मच्छर मलेरिया का संचार नहीं करते बल्कि केवल एडीज मच्छर के काटने से ही लोगों को डेंगू बुखार हो सकता है।
मच्छर काटने से होने वाले रोगों के प्रति जन-जागरूकता के लिए कलेक्टर डोमन सिंह के दिशा-निर्देशन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड़ के मार्गदर्शन में जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में प्रेरक नारा लेखन व जागरूकता रैली के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि एडीज मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है। साथ ही जिला चिकित्सालय सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचाव हेतु जागरूकता से संबंधित बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं तथा मरीजों की डेंगू जांच की जा रही है। साथ ही जानकारी दी जा रही है कि, मच्छर का छोटा डंक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, फाइलेरिया और जीका वायरस जैसे रोग हो सकते हैं। इस संबंध में जिला मलेरिया सलाहकार संगीता पांडेय ने बतायाः डेंगू मच्छर बरसात के मौसम में पनपने वाला मच्छर है। इसका वायरस डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3, डीईएनवी-4 होता है। इसके काटे जाने पर तेज बुखार आता है। इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। डेंगू दिन में काटने वाले मादा मच्छर एडीज एजिप्टी से फैलता है। इसमें व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और शरीर पर फंसियां हो जाती हैं।
वहीं इस बारे में सीएमएचओ डॉ. अशोक कुमार बसोड़ ने बतायाः मच्छरों के पनपने से कई बीमारियों के संचरण हेतु अनुकूल परिस्थितियां निर्मित हो जाती हैं। विश्वभर में मच्छरों की हजारों प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ बहुत ज्यादा हानिकारक होती हैं। इस आशय का जिले में जोर-शोर से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। मच्छरों से फैलने वाले रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास करते हुए जिले में विभिन्न गतिविधियां की जा रही हैं। वहीं जनसमुदाय, आदिवासी समुदाय वाले क्षेत्र, सीमावर्ती क्षेत्र तथा मलेरिया हेतु अतिसंवेदनशील क्षेत्र में विशेषकर प्रवासी, गर्भवती तथा 5 साल से कम उम्र के बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसमें डोर-टू-डोर सर्वे, डेंगू.मलेरिया जांच तथा मच्छरदानी वितरण प्रमुखता से शामिल हैं। डेंगू की रोकथाम संबंधी गतिविधियों के संचालन के लिए जिला स्तर पर विशेष स्वास्थ्य दल भी गठित किया गया है जो जिले के संवेदनशील क्षेत्रों में सेवारत है। सीएमएचओ ने लोगों से अपील की है कि तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर दाने, नाक से खून आना या उल्टी में खून आना जैसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं, ताकि शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। साथ ही हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मच्छर न पनप सके, इसलिए घर के आसपास साफ सफाई रखें।

Maad Sandesh
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