Nitin Gadkari Big Announcement Indian Roads: दोस्तो हमारे देश के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिन यानी कि शुक्रवार को ऐलान करते हुए कहा कि 2024 तक हमारे देश की सड़कें अमेरिका की सड़कों जैसे हो जाएंगे।
साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश यह होगी कि हमारे देश की सड़को को 2024 के आखिरी से पहले इनके बुनियादी ढांचा को अमेरिका के सड़कों की बुनियादी ढांचा से बराबर कर दिया जाएगा। वही भारत के अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था में से एक है।
2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर का सकल घरेलू उत्पाद हासिल करने की तरफ लगातार कोशिश जारी है। जिसे उम्मीद है की हम इस आंकड़े को जल्द पार कर लेंगे।
साथ में नितिन गडकरी ने अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि हमारे देश में जिस तरह से इलेक्ट्रिक से चलने वाली ऑटोमोबाइल दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। उसके हिसाब से आने वाले वक्त में भारत इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल निर्माता के शीर्ष देशों में शामिल होगा।इसके लिए भारत सरकार के तरफ से इस क्षेत्र को बढ़ावा देने में लगी हुई है। जिसमें केंद्र सरकार का लक्ष्य ऑटोमोबाइल क्षेत्र को अब की तुलना में दोगुना करना है। जो कि 15 लाख करोड रुपए के आसपास होते हैं साथ ही इससे हमारे देश में कई रोजगार पैदा होंगे।
बैटरी केमिस्ट्री की शोध को बढ़ावा मिलेगा
इन सभी चीजों के अलावा नितिन गडकरी ने कहा कि, हमारे देश में बैटरी केमिस्ट्री के बारे में जो शोध हो रहे हैं उसे काफी आगे लाने की जरूरत है। इसके लिए केंद्र सरकार हर संभव प्रयास में लगी हुई है, ताकि आने वाले वक्त में हमारे देश में निर्माण किया गया सभी इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल्स में भारत द्वारा बनाए गए बैटरी का इस्तेमाल हो। क्योंकि इलेक्ट्रिक से चलने वाले ऑटो मोबाइल में एक बड़ी रकम बैटरी पर खर्च किए जाते हैं।
हमे वैकल्पिक ईंधन की ओर रुख करना होगा
साथ ही उन्होंने कहा हमारा देश भारत में चलने वाले ज्यादातर ऑटोमोबाइल पेट्रोल और डीजल से चलते हैं। और पेट्रोल और डीजल भारत में बहुत ही कम मात्रा में उत्पादन किया जाता है। और इनका एक बहुत बड़ा हिस्सा अन्य देशों से आयात करना पड़ता है। जिसके कारण हमारे देश के विदेशी मुद्रा दूसरे देश में चली जाती है इसके लिए हमें वैकल्पिक ईंधन की ओर रुख करना होगा।
जो कि स्वच्छ और हरित ईंधन हो जिसमें जैव एथेनॉल, सीएनजी, एलएनजी और हरित हाइड्रोजन के विकास पर हमें ध्यान देना होगा। साथ ही इन सभी के निर्माण पर जो खर्च आते हैं, उन्हें जितना ज्यादा कम किया जा सके इतना ज्यादा बेहतर होगा। साथ ही इन सभी का निर्माण भारत में हो ताकि इन पर आने वाले खर्च में काफी कमी लाई जा सके।